उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की कलेक्ट्रेट में भारतीय किसान यूनियन ने जिला अधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुखिया के नाम 10 सूत्रीय ज्ञापन देते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मौजूदा दौर में प्रदेश की विकास की धुरी कृषि साबित हुई है। कृषि किसी भी कृषि प्रधान देश प्रदेश के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन मौजूदा समय में खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित होती जा रही है। खेती में आए बढ़ने की जगह खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी क्षमता अब किसान की नहीं रही परिवार के पालन-पोषण से लेकर बच्चों की शिक्षा पर इसका बुरा असर पड़ा है। सही सरकारी नीतियों को लागू न कर पाने से किसान खुद को असहज महसूस कर रहा है। अतः ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश का किसान आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता है

जैसे शुगर अमेंडमेंट एक्ट में गन्ने का भुगतान करने का प्रावधान 10 दिन में होना चाहिए, गन्ने की खेती पर बढ़ाते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश के किसान को ₹450 प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य दिया जाना चाहिए, धान की खरीद सरकार सुचारू रूप से करें और किसानों को पराली जलाने से रोके जाने पर सरकार पराली कंपोस्ट की उचित व्यवस्था करे, किसानों के खेत में आवारा पशुओं से बचाने के लिए लगाए जाने वाले कटीले तारों के आदेश को पूर्णता रद्द किया जाए, किसानों के साथ किए गए सिंचाई की बिजली के मुफ्त वायदे को पूरा किया जाए, ट्रैक्टर ट्राली पर लगाए गए ₹10000 जुर्माना व कार्यवाई के आदेश को तत्काल रुप से निरस्त किया जाए, प्रदेश में बेमौसम वर्षा से धान व अन्य फसलों को भारी क्षति हुई है जिसे देखते हुए प्रदेश के किसानों का क्षति हुई फसलों को उचित मुआवजा दिया जाए आदि मांगे शामिल है।

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