उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में आयुर्वेद दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं आयुष विभाग के तत्वाधान में विकास भवन परिसर में 10वें आयुर्वेद दिवस का दीप प्रज्वलित कर व भगवान धनवंतरी जी के चित्र पर माल्यार्पण मुख्य अतिथि विकास गुप्ता विधायक अयाह शाह जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, प्रशिक्षु आईएएस नौशीन ने शुभारंभ किया। आयुष विभाग व निजी क्षेत्र में कार्यरत आयुष चिकित्सकों व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ नवीन सोनी के नेतृत्व में में जन जागरूकता रैली (रन फार आयुर्वेद) पटेल नगर चौक से विकास भवन सभागार तक निकाली गई जो आयुष विधा के माध्यम से आम जनमानस को उपचार हेतु प्रेरित करने वाली रही। इस अवसर पर विकास भवन प्रांगण व जिला चिकित्सालय में आयुष चिकित्सा शिविर, प्रदर्शनी-स्टॉल प्रकृति प्ररीक्षण शिवरों का आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें लगभग 1000 से अधिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं औषधि वितरण करते हुए लाभान्वित किया गया। आयुर्वेद विभाग में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी डॉ० शची वर्मा, डॉ० ज्योति सिंह, डॉ० निधि बाजपेई द्वारा धनवंतरी वंदना कर समस्त अतिथियों के साथ धनवंतरी पूजन किया गया। जनपद अंतर्गत संचालित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों द्वारा आयुर्वेद आधारित विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किया गया, जिसमें डॉक्टर शची वर्मा द्वारा “मोटापे के लिए आयुर्वेद”, डॉ० आराधना स्वीट द्वारा “आयुर्वेद से एकीकृत कैंसर की देखभाल”, डॉ० राजेश वर्मा द्वारा “भ्रामक विज्ञापनों से बचाव-आयुर्वेद के मिथक”, डॉ० आशीष शुक्ला द्वारा “पौधों के लिए आयुर्वेद”, डॉ० प्रमोद कुमार द्वारा “पशु स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद”, डॉ० सुजीत कुमार सागर द्वारा “संहिता से संवाद-डिजिटल युग के आयुर्वेद, उपविषयों पर दिए गए व्याख्यान उल्लेखनीय रहे। इसी क्रम में जनपद के वयोवृद्ध वैद्यों का सम्मान जिलाधिकारी द्वारा पुष्प गुच्छ, प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र व औषधिय पौधा भेंट कर किया गया, जिसमें डॉ० गिरजा शंकर द्विवेदी, डॉ० रमेश कुमार त्रिपाठी, वैद्य सरजू प्रसाद मौर्य व डॉ० अनुराग श्रीवास्तव के नाम प्रमुख रहे। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 में उत्कृष्ट योगदान करने वाले विभागीय योग प्रशिक्षकों को भी जिलाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए उत्साह वर्धन किया गया।

विधायक अयाह विकास गुप्ता ने अपने उद्बोधन में आयुर्वेद को देश की पुरातन संस्कृति बताते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार एवं औषधिय पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया।जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी ने आयुर्वेद को उपचार की संपूर्ण विधा के रूप में रेखांकित करते हुए आयुर्वेद के सफल उपचारों का उदाहरण प्रस्तुत किया तथा आयुष विभाग के प्रयासों के भूरी भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम के समापन पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ० नवीन सोनी ने आए हुए गणमान्य अतिथियों, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी एवं अन्य प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए आयुष विभाग की उपलब्धियां पर प्रकाश डाला तथा आयुष विद्या में रोजगार परक कैरियर की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए डॉ० सोनी ने बताया कि आयुष विभाग “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं आतुरस्य विकार प्रशमनं” की तर्ज पर स्वस्थ व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करने तथा रोगियों के विकारों को प्रभावी तौर पर प्रशमन करने हेतु हर समय तत्पर हैं। शासन एवं प्रशासन द्वारा जनहित में जो भी आदेश निर्देश प्राप्त होंगे उनका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किए जाने की प्रतिबद्धता डॉ० सोनी द्वारा व्यक्त की गई। डा० सोनी द्वारा औषधीय पौधों की खेती व किचन गार्डेन में उपलब्ध उपलब्ध आयुष औषधियों की उपयोगिता पर विशेष प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में समस्त विभागीय अधिकारी कर्मचारी तथा निजी क्षेत्र के आयुष चिकित्सकों द्वारा।बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया, सभी के द्वारा कार्यक्रम की सराहना करते हुए आत्मविश्वास एवं उत्साह की भावना जागृत करने वाला बताया गया।
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