उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिला गंगा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति की बैठक कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि एनजीटी के दिशा निर्देशानुसार अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट की निगरानी के लिए बार कोडिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की गई है। इस सिस्टम के तहत बायो मेडिकल वेस्ट बैग में डालने के बाद मशीन से बार कोड एक्टिवेट होगा, जिससे एक स्लिप बैग पर चिपका दी जाएगी और ऑनलाइन रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पहुंच जाएगी जिससे कि निस्तारण के स्थान पर बार कोड में माध्यम से वजन देखा जाएगा। यदि कचरे के वजन में अंतर होगा तो पता चल जाएगा, कि कचरा कही बाहर निकाल गया है या नहीं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के लिए सिंगल प्लास्टिक की जब्तीकरण का अभियान चलाया जाय साथ नागरिकों को कपड़े/जूट के थैले का प्रयोग के लिए जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि नियमित घाटों की साफ सफाई कराई जाय। साथ ही कूड़ा का उठान नियमित कराया जाय। गंगा डिस्ट्रिक्ट फार्फोमेंस मॉनिटरिंग सिस्टम पर विस्तार से चर्चा की और संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन अलग अलग (सुखा/गीला) संवेदनशीता के साथ करते हुए इसका निस्तारण नियमानुसार कराये साथ ही रिपोर्ट से अवगत कराए।
उन्होंने कहा कि ई–वेस्ट की श्रेणी के कूड़े के बारे में नागरिकों को जागरूक करे साथ ही एकत्रीकरण की व्यवस्था भी की जाय। जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारण सही तरीके से कराये। जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारण सही ढंग से कराए एवं अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारण सही रूप से हो की निगरानी बनाए रखे। उन्होंने पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की एवं पर्यावरण एवं गंगा समिति से संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अपर जिलाधिकारी न्यायिक सुनील कुमार, जिला विकास अधिकारी, डीएफओ डीसी मनरेगा, डीएसटीओ, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, नामित सदस्य/संयोजक नमामि गंगे शैलेन्द्र शरन सिंपल, खंड विकास अधिकारी, ईओ सहित सम्बंधित उपस्थित रहे।
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