एक समय था जब डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता था। मगर आज के समय मे प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा दौलत कमाने की हवस ने इस पेशे को बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ी। बराबर शुर्खियो में बने रहने वाले शहर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में एक और मामला सामने आया। जहां महिला को मामूली से पथरी के दर्द में इंजेक्सन लगाया गया। उसके बाद महिला का शरीर काला पड़ने लगा तो जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित किया तो परिजनों में कोहराम मच गया।


असोथर थानां क्षेत्र के जानिकपुर गाँव निवासी 38 वर्षीय निसार अहमद ने बताया की वह और उसकी 35 वर्षीय पत्नी अपसरी दोनो शहर रिस्तेदारी में आए थे। तभी अचानक उसकी पत्नी अपसरी के पथरी का दर्द पेट मे शुरू हो गया। दर्द बढ़ने पर उसको इलाज के लिए बिंदकी बस स्टॉप पर स्थित ओमनी नर्सिंग होम लेकर गए। जहां उसको एक इंजेक्सन लगाया और दवा खिलाई गई उसके बाद उसका शरीर काला पड़ने लगा और देखते ही देखते उसकी तबियत ज़्यादा खराब हो गई। वहाँ से तुरन्त जिला अस्पताल भेज दिया गया, यहाँ जिला अस्पताल आने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जब हम अपनी पत्नी को ओमनी नर्सिंग होम लेकर गए थे तो वह ठीक थी। बराबर बाते कर रही थी शिर्फ़ उसको पथरी का दर्द था वहाँ इंजेक्सन लगाया और दवा खिलाई उसके बाद उसकी मौत हो गई है।

जब नर्सिंग होम संचालक को डॉक्टर द्वारा महिला को जिला अस्पताल में मृत घोषित किये जाने की जानकारी हुई तो तुरन्त अपनी प्राइवेट एम्बुलेन्स के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर महिला के शव को अपने खर्चे से उसके गाँव भेजवाया जिससे विभागीय कार्यवाई से बचा रहे। इस तरह संचालक द्वारा महिला की अकाल मौत पर पर्दा डाल दिया गया।

वही इस सम्बंध में जब अपर सीएमओ इस्तियाक अहमद से सम्पर्क किया गया तो वह ऑफिस में नही मिले फोन पर बात की गई तो उनका कहना रहा कि मृतिका के परिजन आकर हमसे शिकायत तो करें तब हम कोई कार्यवाई करेंगे। अपर सीएमओ इस सम्बंध में कुछ भी कहने से अपने आपको बचाते नज़र आये।
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