उत्तर प्रदेश फ़तेहपुर जिले के सुल्तानपुर घोष थानां क्षेत्र के बहेरा सादात गांव क़े 11 वर्षीय जुल्फेकार पुत्र दिलदार वर्ष 2023 में रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था जिसकी शिकायत जुल्फेकार की मां अफसरी बेगम ने किया था कोर्ट क़े आदेश क़े बाद गांव के वर्तमान प्रधान मोहम्मद हसीन अंसारी वह जिब्रील कोटेदार और मुन्ना नट के ऊपर अपहरण का केस 95/25 में दर्ज हो गया था।मुकदमा लिखे जाने क़े बाद पुलिस लगातार खोजबीन कर रही थी परंतु कहीं सुराग नहीं लग रहा था। जिसको लेकर पुलिस विभाग की काफी छवि धूमिल हो रही थी। इसी बीच में दिसम्बर 2025 में मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जिसमे पुलिस ने काउंटर दाखिल किया गया था। सात राज्यों में खोजबीन क़े बाद राजस्थान से बरामद हुआ किशोर

सुल्तानपुर घोष पुलिस लगातार बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, हरिद्वार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अलग-अलग राज्यों में छापेमारी करती रही और परिजनों से लेकर के रिश्तेदारों तक के नंबर को ट्रेस करती रही परंतु कहीं भी लोकेशन नहीं मिल रहा था। तभी किसी गोपनीय जाँच क़े जरिये राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के पास एक बिस्मिल्लाह होटल में परिजनों की बातचीत हो रही थी जिसके नेटवर्क से पुलिस ने राजस्थान में सैकड़ो होटलों में छापेमारी किया और फिर अजमेर शरीफ दरगाह के पास पहुंचकर बिस्मिल्लाह होटल में रह रहे खुफिया तरीके से खोजबीन की गई तो जुल्फेकार अपना पता छुपा कर रहता था कानपुर के बाबू का पुरवा बताया हुआ था। पुलिस ने जब वहां पर मामले की जाँच पड़ताल की तो पता चला कि बिस्मिल्लाह होटल के गोदाम में बर्तन धोने का काम करता था जुल्फेकार। कोर्ट में बयान दर्ज करने के बाद जुल्फेकार का हुआ पर्दाफाश सोमवार को सुल्तानपुर घोष पुलिस ने फतेहपुर न्यायालय में बरामद हुए जुल्फेकार को पेश किया तो जुल्फेकार ने अपना।मजिस्ट्रेटरियल बयान में बताया कि –

वर्ष 2023 में रायबरेली जनपद के एक मदरसे में मैं पढ़ाई कर रहा था तभी मैं बस से कानपुर गया अगले दिन ट्रेन पकड़ कर के दिल्ली हजरत निजामुद्दीन गया वहां 15 दिन तक हजरत निजामुद्दीन दरगाह में रहा। उसके बाद मैं हरिद्वार गया जहाँ पर साबिर पाक दरगाह में छः माह तक रहकर मजदूरी / काम ढूंढता रहा लेकिन छोटी उम्र होने के कारण मुझे कोई काम नहीं दे रहा था। फिर मैं ट्रेन पकड़ कर के अजमेर शरीफ चला गया जहां गरीब नवाज दरगाह में छः माह तक रहा, फिर उसके बाद अहमदाबाद में गया साहे आलम दरगाह में एक सप्ताह रुका उसके बाद फिर मैं वापिस आकर राजस्थान के गरीब नवाज दरगाह के पास एक बिस्मिल्लाह होटल में बर्तन धोने का काम करता रहा। मां अफसरी बेगम से दूसरे के फोन से बात हुआ करती थी। लेकिन मैं हमेशा आने के लिए कहता तो मां कहती गांव मत आना। – आखिर क्या रहा राज बेटे को गायब करने का = शिकायतकर्ता अफसरी बेगम फतेहपुर जिला कारागार में एक व्यक्ति से 22 बार जिला कारागार मिलने गई थी जो कि हर बार अलग-अलग नाम अलग-अलग रिश्ते बात की बंदी से मिलती थी।- क्या शिकायतकर्ता को कोर्ट देगी सजा – शिकायतकर्ता आप सारी बेगम लगातार पुलिस प्रशासन और जिला न्यायालय से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट न्यायालय तक का समय नष्ट किया था तो क्या आखिर हाई कोर्ट या निचली अदालत शिकायतकर्ता को दंडित करेगी?
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