उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की जिलाधिकारी श्रुति की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में जनपद में स्थापित गौं आश्रय स्थलों में संरक्षित गौवंशो के भरण पोषण एवं ठंड से बचाव आदि व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई। पूर्व में दिए गए निर्देश के क्रम में सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा पी०पी०टी० के माध्यम से विकास खण्डों में स्थापित गौ-आश्रय स्थलों की वर्तमान गतिविधियों के प्रस्तुतीकरण की गहनता पूर्वक समीक्षा की गयी।

तथा सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ठंड को दृष्टिगत रखते हुये गौशालाओं में संरक्षित गोवंश को हर हाल में सुरक्षित रखा जाये। समस्त शेडों को तिरपाल आदि से इस प्रकार ढका जाये कि शेड के अन्दर ठंडी हवा का प्रवेश न हो पाये समस्त गोवंशों को उपलब्ध बोरो से बना कोट/झूल बनाकर बांधा जाये। रात्रि में गोवंशों हेतु अलाव जलवाने की व्यवस्था बढाई जाये तथा उचित प्रकाश की व्यवस्था रखी जाये। सभी गौ आश्रय स्थलों पर दिन की भांति रात्रि में भी गौपालकों की ड्यूटी लगाई जाये। गौशालाओं में जालीदार फेंसिंग लगाई जाये जिससे रात्रि में जंगली जानवर न घुस सकें।

बीमार गोवंशों की चिकित्सा हेतु उपचार कक्ष में जालीदार दरवाजे / खिड़किया लगवाई जायें । गौचर उपलब्ध जमीन पर हरे चारे की बोआई कराई जाये एवं गौचर भूमि पर पत्थर का बोर्ड स्थापित किया जाये। उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों/ प्रभारी पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि विकास खण्ड स्तर पर भरण पोषण संम्बंधी धनराशि का उपयोग करने हेतु प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर एक संचालन समिति का गठन किया जाये, जिसमें खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकरी, पशुधन प्रसार अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधानों को सम्मिलित किया जाये।

गौ आश्रय स्थलों पर गोवंशो के भरण-पोषण में जो भी अतरिक्त व्यय हो उसे गठित संचालन समिति के सुझाव से व्यय निर्धारित किया जाये एवं उसका अभिलेखीकरण किया जाये जिसका निरीक्षण समय-समय पर खण्ड विकास अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाये एवं तहसील स्तरीय मासिक बैठकों में उप जिलाधिकारी को भी अवलोकित कराया जाये। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों से कहा कि वे तहसील में पशु चिकित्साधिकारियों / लेखपालों के माध्यम से ऐसे लोगों को चिन्हित करे जो गौवंशो को बेसहारा छोड़ देते है एवं उन पर आवश्यक निरोधात्मक / दण्डात्मक कार्यवाही करें, जिससे गौवंशो को बेसहारा छोड़ने कि प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके।

उन्होंने समस्त अधिकारियों को टीम भावना से पूर्ण मनोयोग के साथ गौ संरक्षण केन्द्रों का कार्य जारी रखने हेतु निर्देश दिए एवं दायित्वों के निर्वहन करते हुए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाय, किसी भी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल, उप जिलाधिकारी सदर अवधेश निगम, खागा मनीष कुमार, बिन्दकी अंजू वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, प्रभारी पशु चिकित्साधिकारियों, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत सहित संबंधित उपस्थित रहे।
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