उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के ताँबेश्वर मंदिर रोड पर स्थित जे०के० चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 10 जनवरी को इलाज के दौरान हुई बच्चे की मौत परिजनों के मुताबिक डॉक्टर उमराव की लापरवाही के चलते हुई थी। परिजनों का कहना रहा कि अपने मृतक बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए वह जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित राजनीतिक लोगो के समक्ष न्याय की गुहार लगाने के लिए भटकते रहे। किंतु उन्हें इंसाफ दिलाने वाला कोई भी नहीं मिला।
पुलिस लगातार बच्चे के मौत की एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती रही। वजह आरोपी डॉक्टर का काफी पहुंच वाला होना रहा हैं। पीड़ित ने बताया कि जब उन्हें कहीं से इंसाफ न मिला तो वह मीडिया की शरण में पहुंचे और उनका मामला खबार की सुर्खियां बनने के बाद काफी चर्चित हो गया। कोराई गांव निवासी पीड़ित पिता अम्बरीश दुबे ने बताया कि इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन करने का मन बनाया जिसके समर्थन में सभी का सहयोग प्राप्त हुआ जिसकी वजह से उप जिलाधिकारी न्यायिक ने धरना स्थल पहुंचकर उनकी सारी समस्या सुनने के बाद निस्तारण का आश्वासन दिया है। उसके बाद सदर कोतवाली में धारा 419, 420, 289, 304-ए के तहत आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
पीड़ित पक्ष का यह भी कहना रहा कि एफआईआर तो लिख ली गई है। किंतु बच्चे के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद ही पता चल सकेगा कि बच्चे की मौत किन हालातों में हुई। पीड़ित पिता का कहना रहा कि बच्चे का पोस्टमार्टम जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए। कुल मिलाकर एक मासूम बच्चे की मौत के प्रति इतना लापरवाहीपूर्ण पुलिस प्रशासन का रवैया समझ से परे है।
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