उत्तर प्रदेश कासगंज जिले में रामचरितमानस के रचयिता महाकवि संत तुलसीदास जी की जन्मभूमि विवाद एक बार फिर तूल पकड़ गया है, मुख्यमंत्री कार्यालय से किए गए ट्वीट में संत तुलसीदास जी की जन्म भूमि को राजापुर बताए जाने से कासगंज जिले के सोरों निवासियों में तीखी नाराजगी है। इसको लेकर पहले तो सोरों के ट्विटर यूजर्स ने मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर रिप्लाई करके विरोध किया, बाद में कड़ा विरोध करने की चेतावनी भी दी।
आपको बतादें कि अब नगर पालिका परिषद सोरों के सभी चुने और नामित 28 सभासदों ने जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है, डीएम को सौंपे गए इस्तीफे में मामले की वजह मुख्यमंत्री द्वारा बांदा जिले के राजापुर को तुलसीदास जी की जन्म स्थली के रूप में बताना बताया गया है। सोरों नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नी देवी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट कार्यालय कासगंज पहुंचे सभासद नंदकिशोर तिवारी ने बताया यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानकारी का अभाव है, इसलिए उन्होंने बांदा जिले के राजापुर को गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि के रूप में प्रचारित करने का काम किया है।
जबकि सब जानते हैं गोस्वामी तुलसीदास का जन्म कासगंज जिले के सोरों में हुआ था, तुलसीदास जी के वंशज आज भी सोरों में निवास करते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गए इस द्वेषपूर्ण रवैये के कारण सोरों वासियों में आक्रोश है, इसलिए हम लोग ये सामूहिक इस्तीफा सौंप रहे हैं ।
वहीं इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कासगंज हर्षिता माथुर ने बताया है कि नगर पालिका परिषद सोरों के सभासदों द्वारा एक इस्तीफा मुझे सौंपा गया है, जिसके माध्यम से बताया गया है कि महंत तुलसीदास की जन्मस्थली बांदा के राजापुर में नहीं बल्कि कासगंज के सोरों में है।