उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस इस मौके पर ज्ञानी परमजीत सिंह ने बताया कि गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवे गुरु है। आज गुरु अर्जन देव जी का 417 वा शहीदी दिवस है। आज ही के दिन तपती तवे रेत डाल कर गुरु अर्जन देव जी को शहीद किया गया, गुरु अर्जुन देव जी धर्म रक्षक और मानवता के सच्चे सेवक थे और उनके मन में सभी धर्मों के लिए सम्मान था।
मुगलकाल में अकबर, गुरु अर्जुन देव के मुरीद थे, लेकिन जब अकबर का निधन हो गया तो उसके बाद जहांगीर के शासनकाल में इनके रिश्तों में खटास पैदा हो गई। ऐसा कहा जाता है कि शहजादा खुसरो को जब मुगल शासक जहांगीर ने देश निकाला का आदेश दिया था, तो गुरु अर्जुन देव ने उन्हें शरण दी। यही वजह थी कि जहांगीर ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
गुरु अर्जुन देव ईश्वर को सभी यातनाएं सह गए और मई, 1606 को उनको शहीद कर दिया गया जीवन के अंतिम समय में उन्होंने यह अरदास की *तेरा कीआ मीठा लागे, हरि नामु पदारथ नानक मांगे* इस दिन को सिख समुदाय के लोग बड़े स्नेह और श्रद्धा के साथ मनाते है।
इस दिन व महीने को सिख समुदाय के लोग अलग-अलग जगहों में छबील (शर्बत) व छोले का वितरण करवाते है। यह सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान पपिन्दर सिंह की अगुवाई में मनाया गया, इस अवसर पर लाभ सिंह, जतिंदर पाल सिंह, सतपाल सिंह वरिंदर सिंह सरनपाल सिंह, ग्रेटी,
गुरमीत सिंह, रिंकू, सोनी व महिलाओं में हरविंदर कौर, परमीत कौर, हरजीत कौर, हरमीत कौर, खुशी, मंजीत कौर, वीर सिंह, अगम उपस्थित रहे।
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