उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के जोनिहां बस स्टॉप चौराहे के समीप बाईक व लोडर का एक्सीडेंट हो गया जिसमें बाईक सवार सूर्यबली लेखपाल घायल हो गए। घटना स्थल से निकल रहे अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने घायल को जिला अस्पताल भेजकर घटना की सूचना सम्बंधित अधिकारी तहसीलदार को दिया। सदर तहसीलदार को अपने अधीनस्थ कर्मचारी के एक्सीडेंट होने की सूचना मिली तो बिना समय गवांए तहसीलदार रवि शंकर जिला अस्पताल पहुंच गए। जिस समय तहसीलदार जिला अस्पताल पहुंचे तो अपने घायल लेखपाल को ट्रामा सेंटर के बाहर ई रिक्सा में दर्द से कराहते हुए पाया वजह जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर नही थी। जब कि तहसीदार ने भी काफी देर तक स्ट्रेचर के लिए जद्दोजहेद किया। नाकाम होने पेर ई रिक्सा को ट्रामा सेंटर के गेट पर लेजा कर घायल लेखपाल का इलाज सुरु करवा ही था कि एक पुरानी स्ट्रेचर स्टॉप के कर्मचारी ने ढूंढकर दिया। घायल लेखपाल को राजस्व कर्मचारियो ने स्ट्रेचर पर लिटाया। और खुद राजस्व कर्मचारी व तहसीलदार रवि शंकर स्ट्रेचर को फ़क़्क़ा देकर अंदर लेकर गए। तब कही जाकर घायल लेखपाल को इलाज मिल सका उस बीच तहसीलदार को कई मरीज़ों को उनके तीमारदारों द्वारा गोद मे लाते लेजाते हुए दिखाई दिए तो तहसीलदार का पारा चढ़ गया और स्टॉप के कर्मचारियो को जमकर फटकार लगाई।

इस सब के बीच जो खाश बात देखने को मिली वह तहसीलदार का अपने अधीनस्थ कर्मचारी के प्रति इतनी तड़प सायद ही कोई अपने परिजनो के लिए करता होगा। अगर इसी तरह सभी अपने अधिनस्तो के लिए अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह करने लग जाये तो बहुत सारी समस्याओं का समाधान खुदबखुद हो जाये। वही जिला अस्पताल में कर्मचारियो की अपनी मनमानी भी किसी से छिपी नही है इनको किसी का कोई डर नही है। जिसके चलते जिला अस्पताल में अब्यवस्था का अम्बार है। आपको बतादें जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में जिस डॉक्टर नवीन की एमरजेन्सी मरीज़ों को देखने की ज़िम्मेदारी है वह सुबह से कमिसन के चलते ओपीडी कर रहे है। और ट्रामा सेंटर में वार्ड ब्वाय एमरजेंसी कर रहे है। यह है फतेहपुर के जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर का हाल। वही तहसीलदार रवि शंकर ने मीडिया को बताया हमारा एक लेखपाल एक्सीडेंट में घायल हो गया था उसको इलाज के लिए लेकर आये है। हाँ घायल को अंदर ले जाने के लिए स्ट्रेचर की ज़रूरत थी जिसके लिए काफी जद्दोजहेद करने पड़ी।

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