उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की सदर कोतवाली में कोर्ट में दायर 156 (3) के आदेश से पाँच लोगो के विरोध धोखाधड़ी का केश दर्ज जो गया। केश के आधार पर पीड़ित राधेश्याम व कामिनी ने उत्तरी गौतम नगर सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित प्लाट 50*35 फुट को संयुक्त रूप से दिनांक 18.11.1991 को क्रय किया था। और कामिनी देवी ने उस प्लाट को दिनांक 21.07.2008 को षड्यंत्र के तहत प्रार्थी की जगह अपने पति विनोद कुमार मिश्रा को राधेश्याम बनाकर संतोष कुमार द्विवेदी के पक्ष में विक्रय पत्र का निष्पादन व निबंधन किया गया।
और विनोद कुमार मिश्रा ने राधेश्याम बनकर विक्रय पत्र में हस्ताक्षर बनाये व विक्रय पत्र में स्वयं अपनी फोटो चस्पा की और विक्रय पत्र में गवाह कमलेश कुमार व बसंत बाजपेयी, कमलेश कुमार द्विवेदी यह जानते हुये कि विनोद कुमार मिश्रा ने राधेश्याम बनकर विक्रय पत्र में फर्जी हस्ताक्षर किया है। उक्त विक्रय पत्र का निष्पादन कराया है। प्रार्थी द्वारा विक्रय पत्र तारीखी 21.07.2008 में न तो हस्ताक्षर बनाये और न ही उसकी फोटो चस्पा है। प्रार्थी को नुकसान पहुँचाने हेतु धोखाधड़ी की नियत से विनोद कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी कामिनी देवी व संतोष कुमार द्विवेदी, कमलेश कुमार व बंसत बाजपेयी के साथ षडयंत्र कर प्रार्थी राधेश्याम बनकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किया है।
प्रार्थी को जब जानकारी हुयी, तब बैनामा की कापी मिलने पर प्रार्थी ने इसकी सूचना थाना कोतवाली में दिया तो पुलिस ने कहा कप्तान साहब को प्रार्थना पत्र दो, तब प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक को 07.10.2023 को जरिये रजिस्टर्ड डाक प्रार्थना पत्र दिया किन्तु काई कार्यवाई नही हुयी। पीड़ित ने 156 (3) से कोर्ट में केश दर्ज किया तो न्यायधीस द्वारा कहा गया की पीड़ित ने अपने प्रार्थना पत्र में विपक्षी संख्या 1 पर अन्य विपक्षीगण के साथ षड्यन्त्र कर प्रार्थी व विपक्षी संख्या 1 द्वारा संयुक्त रूप से क्रय किये प्लाट को प्रार्थी के स्थान पर अपनी पति विनोद कुमार मिश्रा को प्राथी बनाकर विक्रय किये जाने का अभियोग लगाया गया है।
प्रार्थी द्वारा अपने कथन के समर्थन में बैनामा की छायाप्रति दाखिल किया गया है। प्रार्थना पत्र में वार्णित कथनों से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का गठित होना प्रकट है। प्रकरण में पुलिस द्वारा विवेचना कराया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अतः प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) दण्ड प्रक्रिया संहिता स्वीकार किये जाने योग्य है। उसके बाद कोतवाली में कामिनी देवी पत्नी विनोद कुमार मिश्रा, विनोद कुमार मिश्रा पुत्र हरी शंकर मिश्रा, सन्तोष कुमार द्विवेदी पुत्र शंकर लाल द्विवेदी, कमलेश कुमार पुत्र शंकर दयाल, बसन्त बाजपेई पुत्र अवध बिहारी के विरोध 467, 468, 471, 419, 420 धारा के तहत एफआईआर दर्ज हो गई।
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