उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में बेटे ने अपने वृद्ध पिता को घर से निकालकर बेघर कर दिया था। जिसके बाद पीड़ित पिता दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर था। बेटे को समझाने के बावजूद जब वह नहीं माना तो उसने इस घटना की शिकायत जिले के आलाधिकारियों से की और भरण पोषण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।

जिसके बाद एसडीएम कोर्ट ने वृद्ध को हक़ दिलाने का निर्णय सुनाया और आज इस आदेश का पालन करते हुए राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंचकर घर खाली कराने की कोशिश की और उस दौरान महिलाओं से तीखी नोकझोक भी हो गई। मामला बढ़ता देख महिला पुलिस कर्मियों ने बेटे की पत्नी व बेटियों को हिरासत में लेकर अपने साथ थाने ले गई और मकान खाली कराकर पीड़ित को सुपुर्द कर दिया।

फतेहपुर जिले के सदर कोतवली क्षेत्र के गंगानगर इलाके का रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक रामनारायण द्विवेदी ने अधिकारीयों के समक्ष पेश होकर शिकायत की थी की उसका बेटा उसे घर से निकाल दिया है। जिसके कारण वह बेघर हो गया है और दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। इस बात का एक वाद दायर भरण पोषण अधिनियम के तहत किया था। जिसके बाद एसडीएम सदर की कोर्ट में यह मामला विचाराधीन चल रहा था। और एसडीएम कोर्ट ने बुजुर्ग पिता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए घर खाली कराने का आदेश जारी किया था।

जिसका पालन करते हुए आज राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंचकर घर खाली कराने की कोशिश की और उस दौरान महिला पुलिसकर्मियों से महिलाओं की तीखी नोकझोक हो गई। मामला बढ़ता देख महिला पुलिस कर्मियों ने बेटे की पत्नी व बेटियों को हिरासत में लेकर अपने साथ थाने ले गई और मकान खाली कराकर पीड़ित को सुपुर्द कर दिया।
बृद्ध पिता को अपने ही बेटे के खिलाफ SDM कोर्ट से मिले इस न्याय ने उन कलयुगी औलादों को बहुत कुछ सोचने को मजबूर करेगी जो अपने ही माँ, बाप की सेवा न कर घर से निकाल देते है।

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