उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के सदर अस्पताल का अभी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने औचक निरक्षण कर ज़िम्मेदारो को हिदायत देते हुए कहा कि मरीज़ों को बाहर की दवा न लिखी जाए मरीज़ों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाए। सरकार स्वास्थ को लेकर भले ही संजीदा हो मगर ज़िम्मेदारो में कोई सुधार होता नज़र नही आ रहा। जिला पुरुष अस्पताल में अगर किसी मरीज़ को ऑप्रेसन के लिए भर्ती किया जाता है तो नर्स उसके परिजनों से 3 सौ रुपए कन्सटेसन फीस ने नाम पर जमा करने को कहती है। परिजनों द्वारा रसीद माँगने पर उसको बाहर का रास्ता दिखा देती है। जब कि सरकारी अस्पताल में भर्ती होने की कोई फीस नही लगती आज भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया।

जहाँ मरीज़ के नंदोई कमलेश कुमार मिश्रा मानव योग जिला संयोजक फ़तेहपुर ने बताया हमारा साला रामजी शुक्ला खागा कोतवाली क्षेत्र के संवत गांव निवासी है। उसकी 32 वर्षीय पत्नी श्वेता शुक्ला को पायल्स की शिकायत है। पुरुष जिला अस्पताल के डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने ऑप्रेसन करने के लिए कहते हुए मरीज़ को भर्ती करने को कहा। जब हमारा साला राम जी शुक्ला फाइल बनवा कर मरीज़ को लेकर महिला वार्ड भर्ती करने गया तो वार्ड की महिला नर्स निर्मला सचान ने 300 रुपए कन्सटेसन फीस की माँग किया।

जब नर्स से रुपए की रसीद माँगी तो फाइल फेक दिया और कहा आपने मरीज़ को यहां से ले जाओ। जिसकी शिकायत फोन कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आर०पी० सिंह से किया तो उन्होंने जिला अस्पताल के सीएमएस पी० के० सिंह को फोन किया सीएमएस ने आकर नर्स को फटकार लगाते हुए मरीज़ को भर्ती करवाया और निर्मला सचान को यहां से हटाने के लिए अधिनस्त को आदेशित किया।

यह है जिला अस्पताल जहाँ मरीज़ और उनके तीमारदारों को परेशान किया जाता है। जबकि सरकार के शख्त आदेश है कि मरीज़ की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए और उनका बेहतर इलाज किया जाए।
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