दिलशाद अहमद की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश कौशांबी ज़िले में पूर्व माध्यमिक विद्यालय की किताब रद्दी के भाव रविवार को बेच दी गई। जैसे ही इसकी सूचना ग्राम प्रधान को हुई तो उन्होंने हंगामा कर दिया। पिछले सत्र की किताबे कबाड़ी के घर मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया। जानकारी मिलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह खुद जांच के लिए गांव पहुंचे।

मंझनपुर तहसील के कम्पोजिट विद्यालय अगियौना में मौजूदा समय में 438 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। जिनमें 250 बच्चे नियमित पढ़ाई के लिए आते हैं। स्कूल में पिछले सत्र 2021-22 की किताबें जो बच्चों से वापस कराई गई थी। वह रखी थी। जिसे रसोइया ने कबाड़ी को बेच दिया। हालांकि ग्राम प्रधान ने प्राइमरी सेक्शन की प्रिंसिपल प्रेमलता सिंह पर किताबे बेचने का आरोप लगाया है। ग्राम प्रधान संदीप कुमार चौधरी ने बताया, उन्हें सुबह ग्रामीण बच्चों ने सरकारी स्कूल की किताब कबाड़ी के घर में होने की बात बताई। मौके पर देखने और जानकारी किए जाने पर पता चला कि पाठ्य पुस्तक गांव के स्कूल की है। पिछले सत्र में बच्चो को न बांट कर अध्यापकों ने उसे रख कर पूरा सत्र बिता दिया। जिसे अब कबाड़ी के हाथ बेच दिया गया है। कबाड़ी ने किताबों को रसोइए से 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 150 किलो खरीद लिया है। इसका वीडियो गाँव के किसी शख्स ने बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।

सरकारी पाठ्य पुस्तक के बेचे जाने के मामले की जानकारी होने पर रविवार को बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रकरण की जांच करने खुद बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह अगियौना गांव पहुंचे। यहां बीएसए ने ग्राम प्रधान और कबाड़ी वाले का बयान लेकर पाठ्य पुस्तकों को अपने कब्जे में लिया। बीएसए प्रकाश सिंह के मुताबिक प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापिका की शिथिल कार्यशैली की वजह से ऐसी स्थिति सज्ञान में आई है। निश्चित रूप से प्रधानध्यापिका के विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।

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