उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के विकास खंड हसवा कस्बे के स्वामी चंद दास रामलीला मैदान में 10 दिवसीय रामलीला का आयोजन भव्य रूप से कलाकारों द्वारा मंचन किया जा रहा है। तीन सौ वर्षों से भी अधिक पुरानी रामलीला के दूसरे दिन धनुष यज्ञ की लीला का मंचन किया गया। मंगलवार को रामलीला के दूसरे दिन शाम भगवान राम की आरती के बाद लीला की शुरू किया गया। भगवान राम और लक्ष्मण एवं गुरु विश्वामित्र की आज्ञा अनुसार संध्या वंदन किया। उधर जनकपुरी में सीता स्वयंवर की सभी तैयारियां किया गया। जनकपुरी आने- जाने के लिए दूर-दूर के राजाओं- महाराजाओं को सीता स्वयंवर का निमंत्रण भेजा गया था। सीता स्वयंवर का निमंत्रण मिलने के बाद अपने गुरु के साथ ही भगवान राम और लक्ष्मण भी जनकपुरी पहुंचते हैं। उधर पेटू राजा को भी स्वयंवर का निमंत्रण मिलता है। पेटू राजा के हास्य व्यंग्य से सभी दर्शक हंसते हंसते आनन्दमय हो जाते हैं। वही लंका नरेश रावण भी सीता स्वयंवर में पहूंचतें और जनकपुरी में रावण और बाणासुर का संवाद होता है । इसके बाद एक-एक करके सभी राजा महाराजा जनकपुर में धनुष को उठाने का प्रयास किया। लेकिन कोई भी धनुष को नहीं उठा पाएं। यहां तक की 10000 राजा महाराजा एक साथ मिलकर धनुष उठाने का प्रयास किया। लेकिन सभी असफल रहते हैं । तभी राजा जनक अधिक भावुक हो जाते हैं । और कहते हैं कि पृथ्वी पर कोई भी ऐसा वीर पुरुष नहीं जो स्वयंवर की शर्त को पूरा कर सकें। राजा जनक की बात सुनकर लक्ष्मण को क्रोध आता है। और वह कहते हैं कि अगर गुरु और बड़े भाई की आज्ञा मिल जाए तो धनुष क्या पूरे ब्रह्मांड को गेंद की तरह फेंक सकते हैं। तभी गुरु की आज्ञा पाकर भगवान राम धनुष को उठाकर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाते हैं धनुष दो भाग में टूट जाता है। सीता ने राम को जयमाला पहनाई। राम- सीता के विवाह पर दर्शकों ने लगाएं जय कारें और इस बीच श्रदालुओं ने राम- सीता की पूजा अर्चना करते हुए आरती किया गया। उधर पर्वत में तपस्या कर रहें परशुराम वायु के वेग से जनकपुरी पहुंचते हैं। वह राजा जनक से धनुष को तोड़ने वाले का नाम पूछते हैं। भगवान परशुराम कहते हैं कि धनुष तोड़ने वाले को समाज से अलग कर दो नहीं तो सभी राजा एक साथ मारे जाएंगें। परशुराम की बात सुनकर लक्ष्मण उनसे संवाद करने लगते हैं। और देखते ही देखते लक्ष्मण और परशुराम का संवाद सुबह 10 बजे तक चलने से दर्शकों ने खुब आनन्दित हुए। वही राम आगे आकर परशुराम से लक्ष्मण की बातों के लिए क्षमा मांगते हैं। राम की बातों-बातों में परशुराम पहचान जाते हैं कि भगवान राम विष्णु का अवतार है। और वह स्वयं भगवान राम से क्षमा मांगते हैं। और भगवान राम सीता और लक्ष्मण की जयकारें लगाएं गए। इस मौके कमेटी अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह एवं थारियावं थाना प्रभारी अरविंद कुमार राय, हसवा चौकी इंचार्ज सुमित देव पाडेय भारी पुलिस बल के साथ तैनात रहे।
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