उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले में आशा बहू भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगा है। सदर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइन वार्ड नंबर 30 की निवासी विधवा महिला शशि श्रीवास्तव पत्नी स्व. स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव और प्रियंका देवी ने गुरुवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि नगर क्षेत्र में निकली भर्ती में अपात्र उम्मीदवारों को पैसे लेकर चयनित कर लिया गया, जबकि योग्य और प्राथमिकता पाने वाले आवेदकों को अनदेखा कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय द्वारा आशा बहू भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या पति से अलग रह रही महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नियम के आधार पर शशि व प्रियंका ने आवेदन किया और सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। उनका आवेदन स्वीकार भी कर लिया गया, लेकिन बाद में नियमों को ताक पर रखकर कथित रूप से रिश्वत लेकर अपात्र उम्मीदवार को चयनित कर लिया गया।

सीएमओ कार्यालय में शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई पीड़िता का कहना है कि उसने CMO सहित अन्य अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, मजबूर होकर उन्होंने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। महिलाओं ने मांग की है कि सिविल लाइन वार्ड नंबर 30 में चयनित अपात्र उम्मीदवारों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और योग्य उम्मीदवारों का ही चयन किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी से उम्मीद जताई है कि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होगी और भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, जिलाधिकारी को भेजी गई शिकायत के बाद मामले की जांच की संभावना बढ़ गई है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो भर्ती प्रक्रिया रद्द हो सकती है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
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