उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले की साइबर क्राइम पुलिस द्वारा फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर सेक्सटॉर्शन के नाम पर आम-जनमानस से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन आरोपियो को गिरफ्तार को किया गया। साइबर अपराध व अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह के निर्देशन एवं अपर पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी अपराध निकट पर्यवेक्षण में विभिन्न तिथियों में प्रतिबिम्ब पोर्टल पर स्थान/क्षेत्र विशेष से प्रदर्शित संदिग्ध मोबाइल नम्बरों की साइबर क्राइम पुलिस थाना द्वारा जाँच/सत्यापन में संकलित अभिलेखीय/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर जनपद के थाना गाजीपुर अन्तर्गत ग्राम भगवानपुर से फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर कूटरचित तरीके से प्राप्त मोबाइल सिम का प्रयोग कर आम-जनमानस को मोबाइल पर पोर्न/ अश्लील वीडियों देखने से आरोपित करते हुये मुकदमा/ गिरफ्तारी के भय में डालकर वित्तीय धोखाधड़ी में संलिप्त गिरोह के तीन आरोपी 1 – त्रिभुवन सिंह उर्फ राम सनेही 2. राहुल सिंह एवं 3. जितेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर घटना में जपयोग चार अदद मोबाइल फोन बरामद किया गया। गिरफ्तारी एवं बरामदगी के आधार पर मु0अ0सं0 34/2025 धारा 319(2)/ 318(2)/ 3(5)/ 338/ 308(6) बीएनएस व 66सी/ 66 डी IT ACT पंजीकृत कर विधिक कार्यवाई कर आरोपियो को न्यायालय रवाना किया गया।

आरोपी किस तरह करते थे काम 1 आरोपियो का सेक्सटॉर्शन के नाम पर जरिये दूरभाष आमजनमामस से वित्तीय धोखाधड़ी का एक गिरोह है जिनके द्वारा कूटरचित तरीके से अलग-अलग नाम पते से मोबाइल सिम प्राप्त कर गाँव के बाहर ग्रुप में एकत्रित होकर कॉलिंग कर लोगों को मोबाइल पर पोर्न/अश्लील वीडियो देखने के सम्बन्ध में मुकदमा/ गिरफ्तारी का भय दिखाकर वित्तीय धोखाधड़ी की जाती है। 2. आरोपियो द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी की धनराशि पीड़ित से विभिन्न बैंक खातों में प्राप्त कर जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से आहरित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया में विभिन्न जनसेवा केन्द्रों का बैंक खाता भी होल्ड/फ्रीज हुआ है। 3. गिरोह में शामिल कई आरोपियो का पूर्व आपराधिक इतिहास है तथा निरन्तर अपराध में संलिप्ततता बनी हुयी है। 4. इस गिरोह में शामिल ग्राम भगवानपुर थाना गाजीपुर के कतिपय अपराधियो का सचेंडी कानपुर नगर अन्तर्गत रिश्तेदारी होने के साथ-साथ स्थानीय साइबर अपराधियों से सांठ-गांठ के पुष्टिकारक साक्ष्य है। 5. गिरोह द्वारा प्राय: उन प्रान्तों यथा बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश के लोगों को ही कॉल किया जाता है क्योंकि इनकी भाषा उनके द्वारा समझ ली जाती है। 6. गिरोह द्वारा कॉलिंग में हिन्दी भाषा का ही प्रयोग किया जाता है। 7 गिरोह द्वारा प्रान्त के अनुसार मोबाइल नंबर की प्रारम्भिक 04 डिजिट जैसे बिहार प्रान्त का 8252, उ0प्र0 का 9140 एवं म0प्र0 का 9179 का प्रयोग कर आगे के अंक स्वयं सेट कर कॉलिंग की जाती है तथा एक बार किसी का नंबर मिल जाने पर आगे के लोगों को मोबाइल नंबर में एक-दो डिजिट क्रमानुसार परिवर्तित कर वित्तीय धोखाधड़ी की जाती है। गिरोह में सम्मलित अन्य आरोपियो की गिरफ्तारी हेतु प्रयास जारी है। गिरोह द्वारा प्रयोग किये जा रहे मोबाइल सिम एवं बैंक खातों का सत्यापन कर स्त्रोतों की जानकारी कर संलिप्तों के विरूद्ध विधिक कार्यवाई की जा रही है।
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