उत्तर प्रदेश में मौरंग के दाम सोने के भाव जैसे हो जाने से फतेहपुर जिले में भारी मात्रा में तस्करी की जा रही है। सूर्यास्त पश्चात बालू खनन पर प्रतिबंध के बावजूद रात के अंधेरे में रेत का यह अवैध व्यापार बेखौफ चल रहा है। भारी वाहनों के ओवरलोड अवैध परिवहन से सडक़ें भी बर्बाद हो रही है। पुलिस की मदद से यह पूरा खेल चल रहा है। जिम्मेदार विभाग द्वारा कार्रवाई नही की जा रही है। खनन माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर क्षेत्रीय लोग भी शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। गौर तलब हो की जिले में इन दिनों सिर्फ ललौली थाना क्षेत्र के उरौली में खंड संख्या-7 मौरंग खदान का संचालन हो रहा है। इस घाट में प्रतिबंधित मशीनों द्वारा खनन बदस्तूर जारी है। मौरंग के इस अवैध कारोबार पर कार्रवाई करने के बजाय प्रशासनिक अमला ‘ऑल इज वेल’ सा चित्र प्रस्तुत करता नज़र आ रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत ठीक इससे उलट है। यह वाहन ओवरलोड मौरंग लेकर गाजीपुर थाना, बहुआ और शाह चौकी से होते हुए राधानगर थाना पुलिस के ऐन नाक के नीचे से सुबह पौ फटने से पहले, रात के अंधेरे में जमकर मौरंग का अवैध खनन कर परिवहन कर रहें है। वहीं, सरकारी अमला सुबह 10 बजे के बाद ही सड़क पर उतरता है। खनन माफिया, इससे पहले ही खेल पूरा कर बिल में घुस जाते है। अधिकारी महज खानापूर्ति करते नजर आते हैं। जाहिर है, बिना पुलिस और जिम्मेदार विभाग के संरक्षण के यह कारोबार का चलना मुमकिन नहीं है। शहर और इसके आसपास के इलाके में मौरंग का काला कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। इस सबके बावजूद पुलिस प्रशासन नाइट पेट्रोलिंग करती है, लेकिन रात में ट्रकों द्वारा हो रही ओवरलोड मौरंग की गाडियां बेरोकटोक दौडती रहती है। ओवरलोड गाडियों पर करवाई के मामलों में पुलिस अपना पल्ला झाड़ते हुए परिवाहन विभाग के पाले मे गेंद डाल कर माफियाओं को संरक्षित करती नजर आ रही हैं, जबकि ओवरलोड वाहनों का मामला परिवहन विभाग को सुपुर्द करने के अधिकार पुलिस प्रशासन को प्राप्त है। ओवरलोड मौरंग परिवहन से जिले की सड़कों के साथ खदान से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों से ग्रामीण क्षेत्र के रास्तों की हालत भी दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। जबकि पहले से ही ग्रामीण मार्गों की हालत खस्ताहाल है, उसमें मौरंग की ओवरलोड गाडियों से परिस्थिति और भी खराब होती जा रही है।
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