उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के जहानाबाद थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गाँव में कर्बला के मैदान में कई रोज़ के भूखे प्यासे शहीदों एवं कैदखाने से रिहा हुई। महिलाओं एवं बच्चों की याद में अन्जुमन गुन्चये नक़विया के सैय्यद अतहर हुसैन, सैय्यद शानदार नक़वी एवं जैगम, मोहम्मद की देखरेख में चेहल्लुम का मातमी जुलूस दोपहर बाद निकाला गया। गाँव में विभिन्न निर्धारित रास्तों से होता हुआ दोपहर बाद कर्बला में अलविदाई नोहे के बाद समाप्त किया गया। रविवार को कर्बला के शहीदों एवं शाम के कैदखाने से रिहा हुए बेगुनाह कैदियों की याद में चेहल्लुम का प्राचीन जुलूस गम के माहौल में निकाला गया। जुलूस के पूर्व गांव के बड़े इमामबाड़े में एक मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मुस्तफा अली खान ने बताया कि 10 मोहर्रम को इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत के बाद अहंकारी एवं आतंकवाद के जन्मदाता यजीद द्वारा हजरत हुसैन की बहन बीबी जैनब सहित अन्य महिलाओं, बच्चों एवं बीमार पुत्र को शाम के कैदखाने में कैद कर दिया गया था। लेकिन 40 दिन बाद यजीद ने हुक्म दिया। कि इन कैदियों को इनके वतन भेज दिया जाये। यह बात जब हजरत हुसैन की बहन जैनब ने सुनी तो कहा कि यजीद से कह दो कि हम कर्बला होकर अपने वतन जाएंगे। असीरों का काफिला जब कर्बला की जमीन पर पहुंचा। तो बहन ने भाई की कब्र पर अपने को गिरा दिया । और कहा भैय्या आपने जो अमानत मुझे सुपुर्द की थी। उसको शाम के कैदखाने में छोड़ आई हूं। भाई बहुत शर्मिंदा हूं आपकी चार साला बेटी सकीना ने यजीद की प्रताड़ना के चलते दम तोड दिया। बाद मजलिस अलम, जुलजनाह, अमारी , ताबूत, मातमी दस्ते के साथ बरामद हुआ जो निर्धारित मार्गो से होता हुआ कर्बला में समाप्त किया गया। जुलूस में जनपद कानपुर, बांदा, अम्बेडकर नगर के मातमी दस्तों एवं मेराज नक़वी, शाज़ू , मिनहाल हैदर, मोनिस नक़वी आदि नौहाख्वानो ने जुलूस में शामिल लोगों को अपने पुरदर्द नौहों से अश्कबार कर दिया।
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